Indian Government wants to reduce prices of Edible Oil News Hindi:
खाद्य तेल कीमतों के अंदर आई वैश्विक गिरावट के कारण हाल ही में खाद्य मंत्रालय ने तेल उत्पादों के साथ मीटिंग की थी। जिसमें उन्होंने खाना बनाने वाले तेल कीमतों में कमी लाने के लिए कहा।
क्योंकि दुनिया के सबसे बड़े Palm Oil Exporter देश इंडोनेशिया ने Palm Oil से Export Ban हटा लिया है। और इन्होंने सोयाबीन और सूरजमुखी के तेलों की Shipment से भी प्रतिबंध हटा लिया जिससे इसकी supply में आसानी है।
खाद्य मंत्रालय का कहना है की वैश्विक स्तर पर आई खाद्य तेलों में गिरावट का फायदा आम ग्राहक को मिलना चाहिए। क्योंकि वैश्विक कीमतों के अनुसार अभी भी तेल कीमतें कम होने की संभावना है।
भारत की बात करें तो वह अपने कुल खाद्य तेलों के उपयोग का 56% भाग बाहर के देशों से आयात करता है। जो की एक काफी बड़ा आंकड़ा है।
इन्ही कारणों से खाद्य मंत्रालय ने तेल उत्पादकों और तेल व्यापारियों को 15/लीटर कम करने के आदेश दिए।
भारत सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल भी काफी मात्रा में आयात करता है। भारत के कुल आयात में इन तेलों की 43% हिस्सेदारी है। और हाल ही में इन तेलों की कीमतों में भी 10% के लगभग गिरावट आई है।
वैश्विक बाजारों में विभिन्न प्रकार के तेलों में $300 से $450/Tones की गिरावट देखने को मिली थी। और इन कीमतों का असर Retail Market में आने के लिए थोड़ा समय लगता है। इसके बाद अडानी विल्मर ने अपनी तेल कीमतों में 5 से 30 रुपए प्रति लीटर की कमी लाई है
हम भारत के वार्षिक खाद्य तेल आयात की चर्चा करें तो 14 मिलियन टन है जिसमे से 8 मिलियन टन Palm Oil केवल इंडोनेशिया और मलेशिया से आता है।
वैश्विक बाजार में खाद्य तेल महंगे होने का मुख्य कारण था रूसी और यूक्रेन युद्ध जिसके चलते तेलों की सप्लाई में रुकावट आई।
एक और बड़ा कारण था जिसके इंडोनेशिया ने अपने Palm Oil के Export के ऊपर प्रतिबंध लगा रखा था। इसी कारण दुनिया भर के खाद्य तेल कीमतों में तेजी आई।
मई 2022 में जब इंडोनेशिया ने अपने Palm Oil के Export के ऊपर से प्रतिबंध हटाया उसके बाद से दुनिया भर में खाद्य तेलों के अंदर काफी कमी आई है। जिसके पश्चात आम आदमी को काफी राहत मिली है।